भारत-चीन बैठक: PM मोदी ने आतंकवाद पर उठाया मुद्दा, वैश्विक सहयोग की अपील
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय बैठक
ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया. यह मुलाकात SCO शिखर सम्मेलन से अलग आयोजित की गई,
जिसमें दोनों नेताओं ने आतंकवाद,
द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक सहयोग पर
चर्चा की. बैठक
में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताया और चीन से अपील की कि वह
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मिलकर काम करे. मोदी ने कहा कि आतंकवाद केवल भारत या
किसी एक देश का मुद्दा नहीं है, बल्कि
यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती है. दोनों
नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और चीन साझेदार
हैं, प्रतिद्वंद्वी
नहीं.
मोदी और जिनपिंग ने सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर सहमति जताई.
पिछले साल की सैनिक वापसी और उसके बाद की सीमा शांति पर दोनों नेताओं ने संतोष
व्यक्त किया. शी
जिनपिंग ने कहा कि भारत और चीन को दोस्त
बने रहना चाहिए और एक-दूसरे की सफलता में सहयोग करना
चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश मानव समाज की प्रगति के लिए जिम्मेदारी
उठाते हैं. चीन
के राष्ट्रपति ने अमेरिकी नीतियों पर भी संकेत दिया और कहा कि बहुपक्षवाद को कायम
रखना जरूरी है. भारत और चीन को वैश्विक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र और
स्थिरता को बढ़ावा देना चाहिए. बैठक
के दौरान PM मोदी ने ऑपरेशन सिंधुर का उल्लेख करते
हुए बताया कि चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी और कई वर्षों तक पाकिस्तान को आतंकवाद
के लिए आर्थिक एवं सैन्य समर्थन देता रहा है.PM मोदी
का आतंकवाद पर जोर
द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग
विकास और दोस्ती की दिशा
बहुपक्षवाद और वैश्विक दृष्टिकोण
ऑपरेशन सिंधुर और पाकिस्तान का मामला