झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में युवा संवाद : राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी का संबोधन

झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय, राँची एवं विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी (शाखा राँची) के संयुक्त तत्वावधान में विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर "युवा संवाद" का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी (आईएएस), राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव, झारखंड.

युवाओं को संबोधित करते हुए डॉ. कुलकर्णी ने कहा कि भारत की लगभग 30 से 35 प्रतिशत आबादी युवा है और यही देश की सबसे बड़ी संपत्ति है. उन्होंने कहा कि
"युवा किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी पूँजी होते हैं. वे देश की एसेट हैं, न कि लायबिलिटी. यदि यही ऊर्जा सही दिशा में लगाई जाए तो भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता."

उन्होंने युवाओं को यह भी संदेश दिया कि जीवन में सकारात्मक कार्य करना या न करना व्यक्ति की पसंद हो सकता है, लेकिन नकारात्मक कार्य कभी नहीं करना चाहिए.

अपने संबोधन में उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि इंदौर और सूरत जैसे शहरों ने सकारात्मक सोच और सामूहिक प्रयास से स्वच्छ शहर का दर्जा पाया. युवाओं को यही दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है.

डॉ. कुलकर्णी ने कहा कि बड़ी समस्याओं से घबराने के बजाय युवाओं को छोटे-छोटे कार्यों से शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा
"जैसे कोशिका जीवन की मूल इकाई है, वैसे ही युवा राष्ट्र की मूलभूत और क्रियाशील इकाई हैं."

उन्होंने समस्याओं के समाधान के तीन विकल्प बताए

  1. क्या इस समस्या का कोई समाधान है?
  2. क्या आप स्वयं इसका समाधान कर सकते हैं?
  3. यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब?

छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार मन में प्रश्न आता है "मैं यह कोर्स क्यों कर रहा हूँ?" यह आत्ममंथन ही भविष्य की दिशा तय करता है.

डॉ. कुलकर्णी ने कहा कि भारत केवल ज्ञान-विज्ञान का ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का भी धनी देश है. यही शक्ति युवाओं को चरित्रवान, आत्मनिर्भर और समाजोपयोगी बनाती है.

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने आह्वान किया कि
"भारत के युवा यदि अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएँ तो वे विश्व में परिवर्तन के वाहक बनेंगे और नवीन भारत के सशक्त निर्माता सिद्ध होंगे."