रांची जिला प्रशासन की पहल: करमा पर्व से पहले कला दल को मांदर का तोहफा
रांची जिला प्रशासन
ने झारखंडी संस्कृति और लोककला को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया
है. जनता दरबार में बेड़ो प्रखंड के कला दल ने अपनी मांग रखी थी कि उनके पास
पारंपरिक वाद्ययंत्र, मांदर
नहीं है, जिससे उनका सांस्कृतिक
कार्यक्रम अधूरा महसूस होता है. इस अनुरोध को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त श्री
मंजूनाथ भजन्त्री ने कला दल को दो मांदर प्रदान किए. संवेदनशील पहल से खुश कलाकार उपायुक्त का संदेश यह
पहल केवल परंपरा को जीवित रखने के लिए नहीं, बल्कि झारखंड की ग्रामीण संस्कृति और
लोककला के संरक्षण के लिए भी एक अहम कदम है.
उपायुक्त की पहल के बाद कलाकारों के
चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई. उन्होंने जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए
करमा पर्व की पूर्व संध्या पर विशेष रूप से प्रशासन को आमंत्रित किया. अब कला दल
करमा पर्व को झारखंडी संस्कृति के साथ मनाने में सक्षम होगा. यह कदम झारखंडी
लोककला और परंपराओं के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है.
उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा,
"हमारी लोक संस्कृति
हमारी पहचान है, और
कलाकारों की मदद करना प्रशासन की जिम्मेदारी है. करमा जैसे पर्व समाज को जोड़ते
हैं, और प्रशासन हमेशा इस
तरह के पर्वों को भव्य बनाने के लिए साथ रहेगा."