रामगढ़ थाना क्षेत्र में फर्जी दस्तावेज के आधार पर जब्त किए गए दो पिकअप वाहनों का मामला अब भी अधर में लटका हुआ है. पुलिस ने कई महीने पहले गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए दोनों गाड़ियों को जब्त किया था, लेकिन अब तक न तो एफआईआर दर्ज हुई है और न ही मामले का आधिकारिक खुलासा किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, जब्त किए गए वाहनJH02Y-5642 और JH01BG-2718को पुलिस ने मुर्गी व्यवसायी गुलाम सरवर उर्फ बीरबल खान की दुकान से बरामद किया था. जांच में पता चला कि एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर की अलग-अलग गाड़ियां अलग-अलग जगहों पर चल रही थीं. एक वाहन रामगढ़ में तो दूसरा हजारीबाग और चतरा रूट पर यात्रियों को ढोने के लिए उपयोग किया जा रहा था.

परिवहन विभाग से की गई जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि दोनों गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर से मेल नहीं खाते. इसके बावजूद अभी तक वाहन मालिक के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

इस पूरे मामले पर रामगढ़ SDPO परमेश्वर प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं है. सही स्थिति उस समय पदस्थापित थाना प्रभारी ही बता सकते हैं. वहीं, पूर्व थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि मामले में अब तक कोई कंप्लेनर सामने नहीं आया है, इसलिए केवल सनहा दर्ज कर वाहनों को थाना परिसर में रखा गया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही कोई कंप्लेनर आएगा, एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सूत्रों के अनुसार, पुलिस को फर्जी नंबर गाड़ियों की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी और उसी आधार पर गाड़ियां जब्त भी की गईं. लेकिन एफआईआर दर्ज न होने से लोगों में सवाल उठ रहे हैं. स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अब पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर पूरे मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग करने का निर्णय लिया है.