रामगढ़ जिले के सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक कार्यालय परिसर में सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ (संबद्ध भारतीय मजदूर संघ) ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई.

कार्यक्रम की अध्यक्षता बरका-सयाल क्षेत्रीय अध्यक्ष हरिनाथ महतो ने की, जबकि संचालन क्षेत्रीय सचिव शंभू सिंह ने किया. इस मौके पर संघ के महामंत्री शशिभूषण सिंह, बीएमएस जिला मंत्री शिवशंकर सिंह, कोषाध्यक्ष श्रीकांत गुप्ता, वरिष्ठ नेता भवानी प्रसाद, जेपी अग्रवाल, लक्ष्मी प्रसाद समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे.

धरना को संबोधित करते हुए महामंत्री शशिभूषण सिंह ने कहा कि कोयला उद्योग में पिछले 50 वर्षों से अनुभवी कर्मचारी देश को ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं. इसके बावजूद आज आउटसोर्सिंग, ठेका और एमडीओ व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि कोयला खनन में नियमित कर्मचारियों की न्यूनतम 50% भागीदारी सुनिश्चित की जाए और सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों की जगह नए नियमित गैर अधिकारी कर्मचारियों की भर्ती की जाए.

उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, खनन कार्य में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है और अंधाधुंध उत्पादन टारगेट की वजह से असुरक्षित माइनिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं.

धरना के उपरांत संघ ने महाप्रबंधक को केंद्रीय कोयला मंत्री और कोयला सचिव के नाम 17 सूत्री मांग पत्र सौंपा, जिसमें बुनियादी सुविधाओं, सुरक्षा, भर्ती, ठेका प्रथा पर रोक, मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल निर्माण, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के इलाज की सुविधा, महिला कर्मचारियों के लिए व्यवस्था और नियमित बैठक आयोजित करने की मांग शामिल है.

🔴 ये हैं मुख्य 17 सूत्री मांगें

1.      सभी अंडरग्राउंड खदानों में मैनराइडर और पीने के पानी की व्यवस्था.

2.      नियमित गैर अधिकारी कर्मियों की भर्ती.

3.      नियमित कर्मचारियों की न्यूनतम 50% भागीदारी.

4.      ठेका मजदूरों के लिए वेजेस, जॉब सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा.

5.      सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना.

6.      अंधाधुंध उत्पादन टारगेट पर रोक.

7.      सीएमपीएफ संगठन को सुचारित करना.

8.      मल्टी-स्पेशालिटी अस्पताल निर्माण.

9.      सेवानिवृत्त कर्मियों को कैशलेस इलाज सुविधा.

10.  सभी कंपनियों में समान चेक-ऑफ सिस्टम.

11.  मानव संसाधन विभाग में सुधार.

12.  गैर अधिकारी से अधिकारी वर्ग में पदोन्नति.

13.  MDO और 100% आउटसोर्सिंग पर रोक.

14.  महिला कर्मचारियों के लिए सुविधाएं.

15.  भूमि अधिग्रहण नीति में सुधार.

16.  JCC/WELFARE/SAFETY बोर्ड की नियमित बैठक.

17.  Standing Committee on Safety in Coal Mines की नियमित बैठक.

धरना में विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे और सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा.