हजारीबाग में संयुक्त वनाधिकार समिति के तत्वाधान में समाहरणालय परिसर में वनाधिकार कानून 2006 के लंबित दावों को निष्पादन हेतु एक दिवसीय जनाक्रोश रैली एवं सांकेतिक धरना का आयोजन किया गया. रैली में जिला के विभिन्न प्रखंडों से आए वनाधिकार समिति के अध्यक्ष, सचिव और सदस्य तथा हजारों ग्रामीण पारंपरिक वेश-भूषा में उपस्थित हुए.

निर्मल महतो पार्क से रैली प्रारंभ होकर तख्तियों और बैनरों के साथ भारत के महापुरुषों की तस्वीरों पर माल्यार्पण कर धरना कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवराम बास्के ने की, जबकि संचालन चुन्नुलाल सोरेन (सामाजिक कार्यकर्ता और अध्यक्ष ग्राम वनाधिकार समिति, भंडेरी) ने किया.

वनाधिकार समिति की मांगें:

  1. लंबित दावों के निष्पादन में ग्राम सभा और ग्राम वनाधिकार समिति के अधिकार का सम्मान.
  2. वनाधिकार कानून के प्रत्येक प्रावधान का सही और भावना अनुसार पालन.
  3. भौतिक सत्यापन में ग्राम वनाधिकार समिति के साथ अंचल और वनकर्मियों का सहयोग.
  4. अनुमंडल स्तरीय समिति द्वारा दावों को अंचल कार्यालय प्रेषित करना बंद किया जाए.
  5. अतिरिक्त जाँच या अभिलेख त्रुटि होने पर ग्राम सभा को लौटाया जाए.
  6. सभी निर्णय ग्राम सभा की अनुशंसा पर आधारित हों, किसी अधिकारी की सिफारिश पर नहीं.
  7. जिला उपायुक्त प्रत्येक माह समीक्षा बैठक में वनाधिकार गतिविधियों को शामिल करें.
  8. वन विभाग बिचौलियों के माध्यम से नहीं बल्कि ग्रामसभा और वन अधिकार समिति का सहयोग करे.
  9. फर्जी मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाए.

कार्यक्रम में छोटू हंसदा, राजेंद्र टुडू, फादर जॉर्ज मनिपाल, गुंजर महतो, मनोज बेसरा, जय प्रकाश सिंह पटेल, श्री चन्द्रनाथ भाई पटेल सहित कई वरिष्ठ नेता और ग्रामीण मौजूद रहे. सभी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए वनाधिकार कानून के सही और निष्पक्ष क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया.

इस रैली और धरना के माध्यम से वनाधिकार समिति ने यह संदेश दिया कि ग्रामीण और वनाधिकार समिति अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार हैं.