गिरिडीह जिले के मधुबन में शुक्रवार को विश्व मैत्री महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ. यह महोत्सव महावीरायतन फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित किया गया और हजारों श्रद्धालु इसमें शामिल हुए. यह महोत्सव केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं था बल्कि सौहार्द, भाईचारा और वैश्विक शांति का संदेश देने वाला आयोजन भी माना गया.

कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जैन धर्म की अहिंसा और अपरिग्रह की परंपरा मानवता के लिए अनुकरणीय है. उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में बढ़ती चुनौतियों का समाधान जैन दर्शन में निहित है, जो हर जीव के प्रति दया और करुणा का भाव रखने की सीख देता है.

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने जैन समाज की संस्कृति और उनके समाजसेवी योगदान की सराहना की. उन्होंने मधुबन क्षेत्र के तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में ठोस पहल करने का आश्वासन दिया.

महोत्सव की शोभा आचार्य विद्यासागर जी महाराज और अन्य संत-मुनियों के आध्यात्मिक प्रवचनों से और बढ़ गई. संतों ने श्रद्धालुओं को संयम, तपस्या और आत्मज्ञान के मार्ग अपनाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि भौतिकतावाद के मोह से दूर रहकर ही व्यक्ति वास्तविक शांति और संतोष प्राप्त कर सकता है.

महोत्सव में जैन समाज के अनुयायियों के साथ विभिन्न प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. आयोजन स्थल मधुबन पर्वत परिसर प्रवचनों, भजनों और जयकारों से गूंज उठे. भक्तों ने महोत्सव को आध्यात्मिक ऊर्जा और भाईचारे का प्रतीक बताया और कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है बल्कि समाज में भाईचारा, एकता और वैश्विक शांति का संदेश भी फैलाता है.