गिरिडीह में हाजत में संदिग्ध मौत, थाना प्रभारी लाइन हाजिर
गिरिडीह जिले के गांवा थाना हाजत में बंद आरोपी
श्रीकांत चौधरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी
है. श्रीकांत पर दो महिलाओं की हत्या का आरोप था और उसे 6 सितंबर को गिरफ्तार कर हाजत में रखा गया
था. इस संदिग्ध घटना के बाद गिरिडीह एसपी डॉ.
बिमल कुमार ने गांवा थाना प्रभारी अभिषेक
सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है और जांच के आदेश जारी किए हैं. मिली जानकारी के
अनुसार, श्रीकांत चौधरी को 6
सितंबर को गिरफ्तार कर हाजत में रखा गया
था. पुलिस के प्रारंभिक बयान के मुताबिक, उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. लेकिन मृतक के परिजनों का
आरोप है कि उनकी हत्या की गई है. मृतक के पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. इस
संदिग्ध मौत की खबर फैलते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. मामले की
गंभीरता को देखते हुए एसपी ने त्वरित कार्रवाई की और थाना प्रभारी को लाइन हाजिर
कर दिया. SDPO राजेंद्र
प्रसाद ने बताया कि थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करने का उद्देश्य जांच
टीम को स्वतंत्र रूप से मामले की पड़ताल करने देना है. उन्होंने कहा कि जांच पूरी
होने तक गांवा के सर्किल इंस्पेक्टर को थाना की
जिम्मेदारी सौंपी गई है. एसपी
डॉ. बिमल कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामले की पोस्टमार्टम
रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि
यदि जांच में किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी
कार्रवाई की जाएगी. इस
घटना से स्थानीय लोगों में रोष और चिंता फैली है. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या
वास्तव में यह आत्महत्या थी या हत्याकांड. घटना ने जिले में पुलिस हाजत की सुरक्षा
और निगरानी की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेष
रूप से यह मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि आरोपी दो महिलाओं की हत्या के
मुख्य संदिग्ध थे. ऐसे में हाजत में उनकी मृत्यु ने कई तरह की सियासी और सामाजिक
बहस को जन्म दिया है. श्रीकांत चौधरी की
संदिग्ध मौत न केवल गिरिडीह पुलिस महकमे के लिए चुनौती है बल्कि यह सार्वजनिक विश्वास और न्याय प्रणाली के लिए भी सवाल खड़े
करती है. प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और रिपोर्ट
आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा. स्थानीय
प्रशासन और पुलिस ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और यह सुनिश्चित किया
है कि जांच पूरी निष्पक्षता के साथ संपन्न हो.संदिग्ध परिस्थितियों
में मौत का असर