पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे बना राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9

बिहार को उसकी सबसे बड़ी सड़क परियोजनाओं में से एक का तोहफ़ा मिल गया है. पटना–पूर्णिया ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे को केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9 (NE-9) का दर्जा दे दिया है.
यह बिहार का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जो पूरी तरह से राज्य की सीमाओं के भीतर निर्मित होगा.


 नितिन नवीन ने जताया गर्व

बिहार के सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा—
पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे का राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे-9 के रूप में अधिसूचित होना बिहार के लिए गर्व का क्षण है. राज्य सरकार समय पर निर्माण पूरा करने के लिए केंद्र सरकार को हर आवश्यक सहयोग प्रदान कर रही है.”

 पटना से पूर्णिया का सफर अब सिर्फ 3 घंटे

फिलहाल पटना से पूर्णिया की दूरी तय करने में 6–7 घंटे लगते हैं.
लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह सफर घटकर सिर्फ 3 घंटे का रह जाएगा.
इससे सीमांचल क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा और आर्थिक एवं सामाजिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी.

 परियोजना का आकार और संरचना

  • कुल लंबाई: लगभग 250 किलोमीटर

  • ग्रीनफ़ील्ड प्रोजेक्ट (पूरी तरह नया निर्माण)

  • 21 बड़े पुल

  • 140 छोटे पुल

  • 11 रेलवे ओवरब्रिज (ROB)

  • 21 इंटरचेंज

  • 322 अंडरपास

  • अधिकतम गति सीमा: 120 किमी/घंटा

भूमि अधिग्रहण और निर्माण की स्थिति

  • यह परियोजना 6 जिलों के 29 प्रखंडों और 250+ गांवों से होकर गुज़रेगी.

  • भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है.

  • भूमि अधिग्रहण पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू होगा.

  • समस्तीपुर, सहरसा और मधेपुरा को जोड़ने के लिए अलग संपर्क मार्ग भी बनाए जाएंगे.

बिहार के लिए फायदे

  • बिहार का पहला इन्ट्रा-स्टेट एक्सप्रेसवे

  • परिवहन और व्यापार को मिलेगी नई रफ्तार

  • सीमांचल क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास

  • एयरपोर्ट और राष्ट्रीय राजमार्गों से बेहतर कनेक्टिविटी

  • समय और ईंधन की बड़ी बचत